प्रमोशन में आरक्षण के खिलाफ दो मार्च से घोषित बेमियादी हड़ताल में शामिल होने के लिए जनरल और ओबीसी कर्मचारी बाकायदा एक घोषणा पत्र भरेंगे। इस घोषणा पत्र में वे स्वेच्छा से हड़ताल में शामिल होने की घोषणा करेंगे।
उत्तराखंड जनरल ओबीसी इंप्लाइज एसोसिएशन की ओर से सभी कर्मचारियों को घोषणा पत्र का फार्म भेज दिया गया है। इस फार्म को भरकर जनरल ओबीसी कर्मचारी अपने विभागाध्यक्ष व कार्यालय अध्यक्ष को देंगे। संगठन की ओर से कर्मचारियों को कहा गया है कि इसकी प्रति संगठन को भी उपलब्ध कराई जाएगी।
उत्तराखंड जनरल ओबीसी इंप्लाइज एसोसिएशन की ओर से सभी कर्मचारियों को घोषणा पत्र का फार्म भेज दिया गया है। इस फार्म को भरकर जनरल ओबीसी कर्मचारी अपने विभागाध्यक्ष व कार्यालय अध्यक्ष को देंगे। संगठन की ओर से कर्मचारियों को कहा गया है कि इसकी प्रति संगठन को भी उपलब्ध कराई जाएगी।
प्रमोशन में आरक्षण के खिलाफ स्पीकर से मिले एसोसिएशन के नेता
प्रमोशन में आरक्षण के खिलाफ आंदोलन का नेतृत्व कर रहे उत्तराखंड जनरल ओबीसी इंप्लाइज एसोसिएशन के नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल से मिला। प्रतिनिधिमंडल में एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष दीपक जोशी, ठाकुर प्रहलाद सिंह, संतोष रावत समेत कई अन्य नेता शामिल थे। उन्होंने स्पीकर को बताया कि सुप्रीम कोर्ट से फैसला आने के बाद भी सरकार प्रमोशन से रोक नहीं हटा रही है। इससे कर्मचारियों में भारी असंतोष है।
केंद्र विचार कर रहा है, इंतजार करें: आर्य
समाज कल्याण मंत्री यशपाल आर्य ने कहा कि किसी भी समस्या का समाधान बातचीत से ही निकलेगा। हड़ताल समस्या का समाधान नहीं है। प्रमोशन में आरक्षण के प्रश्न पर उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार इस मसले पर विचार कर रही है। इसलिए इंतजार करना चाहिए। आर्य ने कहा कि उनका 40 साल का राजनीतिक जीवन है। उन्होंने कभी जाति व धर्म की राजनीति नहीं की। उन्हें सभी वर्गों का सहयोग मिल। वे सबको साथ लेकर चलने में विश्वास रखते हैं। आरक्षण एक सांविधानिक व्यवस्था है। संविधान में इसे मौलिक अधिकार का दर्जा प्राप्त है। इसलिए मौलिक अधिकार का सम्मान होना चाहिए।
केंद्र विचार कर रहा है, इंतजार करें: आर्य
समाज कल्याण मंत्री यशपाल आर्य ने कहा कि किसी भी समस्या का समाधान बातचीत से ही निकलेगा। हड़ताल समस्या का समाधान नहीं है। प्रमोशन में आरक्षण के प्रश्न पर उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार इस मसले पर विचार कर रही है। इसलिए इंतजार करना चाहिए। आर्य ने कहा कि उनका 40 साल का राजनीतिक जीवन है। उन्होंने कभी जाति व धर्म की राजनीति नहीं की। उन्हें सभी वर्गों का सहयोग मिल। वे सबको साथ लेकर चलने में विश्वास रखते हैं। आरक्षण एक सांविधानिक व्यवस्था है। संविधान में इसे मौलिक अधिकार का दर्जा प्राप्त है। इसलिए मौलिक अधिकार का सम्मान होना चाहिए।